मस्जिद कुरतुबा का इतिहास

 मस्जिद कुरतुबा (कॉर्डोबा मस्जिद), जिसे आज "कॉर्डोबा कैथेड्रल" भी कहा जाता है, स्पेन के कॉर्डोबा शहर में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है। यह इस्लामी वास्तुकला का बेमिसाल नमूना है और इसे मुसलमानों की सबसे बेहतरीन धरोहरों में से एक माना जाता है। इसकी तारीख इस प्रकार है:


निर्माण की शुरुआत (785 ईस्वी):

यह मस्जिद उमय्यद खलीफा अब्दुर्रहमान प्रथम के शासनकाल में बनाई गई।

मस्जिद का निर्माण मुख्य रूप से नमाज़ और इस्लामी शिक्षा के लिए किया गया था।

विस्तार का दौर:

1. अब्दुर्रहमान द्वितीय (833-852):

उन्होंने मस्जिद का विस्तार करवाया और सजावट में नयापन लाया।

2. अल-हकम द्वितीय (961-976):

मस्जिद में शानदार मिहराब (प्रार्थना स्थल) और गुंबद का निर्माण हुआ।

इसे और भव्य बनाने के लिए खूबसूरत नक्शे और संगमरमर का इस्तेमाल किया गया।

3. अल-मंसूर (987):

उन्होंने मस्जिद को और बड़ा करवाया, जिससे यह अपने समय की सबसे विशाल मस्जिदों में से एक बन गई।

ईसाई शासन का समय (1236):

1236 में स्पेन पर ईसाई शासन आ गया, और मस्जिद को चर्च में बदल दिया गया।

इसके अंदर एक कैथेड्रल का निर्माण किया गया, लेकिन मस्जिद की वास्तुकला और खूबसूरती को काफी हद तक बरकरार रखा गया।

वास्तुकला:

मस्जिद कुरतुबा अपनी मेहराबों और स्तंभों के लिए मशहूर है।

इसमें 856 स्तंभ थे, जो संगमरमर, ग्रेनाइट, और जैस्पर से बने थे।

लाल और सफेद रंग की मेहराबें इसे अनोखी पहचान देती हैं।

आज की स्थिति:

आज मस्जिद कुरतुबा को एक ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटक स्थल के रूप में देखा जाता है।

इसे 1984 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।


मस्जिद कुरतुबा इतिहास और वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है, जो इस्लामिक और ईसाई सभ्यता के मेल का प्रतीक है।


सैफुल्लाह कमर


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