मदरसे में हिंदू के लिए शिक्षा क्यों नहीं ?

 हमारे मुल्क  हिंदुस्तान में लाखों बुजुर्गों के मजार शरीफ हैं, जहां हर धर्म के मानने वाले हाजिरी देते हैं , 


आज तक किसी आलिम ने नाजायज नहीं कहा,क्योंकि अल्लाह के वलियों का दरबार उनकी जाहिरी जिंदगी में भी और उनके दुनिया से जाने के बाद भी हर एक के लिए खुला रहता है 

अब यहां एक सवाल उठता है कि जब अल्लाह के वलियों के मजार पर जाकर हिंदू,मुस्लिम ,सिख,ईसाई सब फैज हासिल कर सकते हैं तो फिर उन वलियों के नाम पर चलने वाले मदरसे सिर्फ मुसलमानों ही के लिए क्यों हैं ?


 मदरसों में अक्सर गरीब घर के बच्चे पढ़ने आते हैं ,क्या गरीब सिर्फ मुसलमानों में ही पाए जाते हैं ? लाखों गैर मुस्लिम घराने में ऐसे बच्चे होते हैं जो गरीबी की वजह से पढ़ नहीं पाते, गैर मुस्लिम बच्चों के लिए मदरसों के दरवाजे क्यों बंद है ? क्यों उनके बारे में नहीं सोचा जाता ?

इन सारे सवालों के बीच एक सवाल और उभर कर आता है के ऐसा हो जाए मदरसे में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सबके पढ़ने का इंतजाम कर दिया जाए तो इससे मदरसे का और मुसलमानों का फायदा क्या होगा? तो इसका जवाब है बेशुमार फायदे होंगे जिनमें से कुछ यह है

पहला फायदा तो यह है कि अल्लाह के वलियों के तरीके पर अमल होगा,क्योंकि अल्लाह के वलियों ने हमें यही सिखाया है कि हर इंसान की मदद करो ,यह मत देखो कि वह किस मजहब को मानने वाला है 

और दूसरा फायदा यह होगा कि गैर मुस्लिम बच्चों के पढ़ने के लिए दुनियावी तालीम का इंतजाम किया जाएगा इसी बहाने मदरसे में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों का भी दुनियावी तौर पर भला हो जाएगा,क्योंकि मदरसे में दीनी तालीम के नाम पर मुस्लिम बच्चों की दुनिया मुकम्मल तौर पर बर्बाद की जा रही है 

तीसरा फायदा यह होगा ,हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के दरमियान जो आपसी नफरते हैं वह कम होगी ,आज हिंदू मुस्लिम के बीच की नफरत को खत्म करने के लिए मुशायरे किए जाते हैं ,जलसे किए जाते हैं ,हिंदू मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ते हैं , तो मुस्लिम मंदिर में जा कर पूजा करते हैं हालांकि इससे कुछ होने वाला नहीं बल्कि इससे नफरत और बढ़ता ही है ,नफरत को मिटाना है तो एक दूसरे की मदद करना शुरू करें,मदरसे के जरिए हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सबकी मदद करें फिर देखें कैसे नफरत खत्म होती है

 चौथा और सबसे अहम फायदा यह होगा कि आज मदरसों पर एक भद्दा इल्जाम लगाया जाता है के यहां आतंकवाद की शिक्षा दी जाती है ,इस से ये इल्ज़ाम खत्म होगा ,इसके अलावा भी बहुत सारे फायदे हैं

दोस्तों अगर आपको भी लगता है के मदरसे में हर धर्म के मानने वाले के पढ़ने का इंतजाम होना चाहिए तो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें

सैफुल्लाह क़मर


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