यौम-ए-जम्हूरिया, जिसे भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है, हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र और संविधान के लागू होने की याद दिलाता है। यह वह दिन है जब भारत एक संपूर्ण गणराज्य बना। आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी:
1. यौम-ए-जम्हूरिया का मतलब
- "जम्हूरिया" का मतलब है "गणराज्य" या "रिपब्लिक।"
- एक गणराज्य वह देश होता है, जहां जनता का शासन होता है और कानून संविधान के आधार पर चलता है।
- भारत ने 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान लागू किया और एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना।
2. भारत को गणराज्य बनने की जरूरत क्यों पड़ी?
(i) अंग्रेजों का शासन और स्वतंत्रता संग्राम
- 200 साल तक भारत अंग्रेजों के अधीन रहा।
- 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली, लेकिन तब भारत का शासन ब्रिटिश गवर्नर-जनरल के अधीन था।
- आजादी के बाद भारत को एक ऐसा ढांचा चाहिए था, जो पूरी तरह से भारतीय जनता को सशक्त करे।
(ii) संविधान की आवश्यकता
- आजादी के बाद भारत को अपने शासन और कानून के लिए एक मजबूत संविधान की जरूरत थी।
- ब्रिटिश शासन के दौरान भारत सरकार अधिनियम 1935 लागू था, लेकिन यह पूरी तरह उपयुक्त नहीं था।
- भारतीय नेताओं ने एक ऐसा संविधान बनाने का निर्णय लिया, जो लोकतंत्र, समानता और स्वतंत्रता के मूल्यों पर आधारित हो।
3. संविधान का निर्माण
(i) संविधान सभा का गठन
- 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ।
- संविधान बनाने की प्रक्रिया के लिए 389 सदस्य चुने गए।
(ii) संविधान का मसौदा तैयार करना
- डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।
- डॉ. अंबेडकर को "भारतीय संविधान का जनक" कहा जाता है।
- संविधान का मसौदा तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे।
- 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने इसे स्वीकृत किया।
(iii) 26 जनवरी का चयन क्यों?
- 26 जनवरी को इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प लिया था।
- इस दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया।
4. 26 जनवरी 1950 की ऐतिहासिक घटना
- 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारतीय संविधान लागू किया गया।
- भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई।
- भारतीय संविधान ने भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।
5. यौम-ए-जम्हूरिया का महत्व
(i) संविधान का महत्व
- भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
- यह सभी नागरिकों को समान अधिकार, स्वतंत्रता, और न्याय प्रदान करता है।
- संविधान सभी धर्मों, जातियों, और वर्गों के प्रति समानता की गारंटी देता है।
(ii) लोकतंत्र का उत्सव
- गणतंत्र दिवस भारत के लोकतंत्र का प्रतीक है।
- यह दिखाता है कि भारत का शासन जनता द्वारा, जनता के लिए और जनता का है।
6. यौम-ए-जम्हूरिया कैसे मनाया जाता है?
(i) राष्ट्रीय परेड
- हर साल 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर गणतंत्र दिवस परेड आयोजित की जाती है।
- परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना अपनी ताकत और पराक्रम का प्रदर्शन करती हैं।
- अलग-अलग राज्यों की झांकियां देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती हैं।
(ii) तिरंगे का सम्मान
- इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराया जाता है।
- स्कूल, कॉलेज, और सरकारी कार्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
(iii) शहीदों को श्रद्धांजलि
- इस दिन भारत के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को याद किया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी और लोकतंत्र के लिए अपनी जान दी।
7. गणतंत्र दिवस और अन्य देश
- भारत की तरह कई अन्य देश भी अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
- हर देश के लिए यह दिन उसके लोकतंत्र और स्वतंत्रता की पहचान है।
8. गणतंत्र दिवस से मिलने वाली शिक्षा
- लोकतंत्र की शक्ति: जनता का शासन जनता के द्वारा और जनता के लिए होना चाहिए।
- समानता और स्वतंत्रता: देश के हर नागरिक को समान अधिकार और स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहिए।
- देशभक्ति: यह दिन हमें अपने देश और उसकी विरासत पर गर्व करना सिखाता है।
निष्कर्ष
यौम-ए-जम्हूरिया या गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास का सबसे गौरवपूर्ण दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि देश के हर नागरिक का संविधान में समान अधिकार है और यह संविधान हमें एक मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में संगठित रखता है। गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और एकता का प्रतीक है।
सैफुल्लाह कमर शिबली

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