अल्लाह बड़ा है या नबी बड़े हैं ?

 सुन्नी मुसलमान जिसे बरेलवी फिरके के नाम से भी जाना जाता है  इस फिरके पर एक इल्जाम लगाया जाता है के यह लोग नबी का मर्तबा अल्लाह से बड़ा कर दिया है , इस इल्जाम का सुन्नी आलिमों ने अपने तकरीर के जरिए जवाब दिया है कि हम सुन्नी मुसलमान सबसे बड़ा मर्तबा अल्लाह का मानते हैं उसके बाद नबी और उनके बाद सहाबियो और वलियों का मर्तबा है ,

यह तो रहा सुन्नी आलिमों का कहना लेकिन उनके अमल में क्या फर्क है वह मैं बताने जा रहा हूं,सुन्नी मुसलमानों में जलसे बहुत ज्यादा होते हैं जलसे का उनवान आपने देखा होगा जो कुछ इस तरह होता है ,पैगाम ए मुस्तफा कॉन्फ्रेंस ,ईद मिलादुन्नबी कॉन्फ्रेंस, गौसुल वरा कॉन्फ्रेंस ,जश्न ए ख्वाजा गरीब नवाज कॉन्फ्रेंस ,आलाहजरत कॉन्फ्रेंस वगैरह , यह नहीं देखा होगा कि अल्लाह पाक के नाम पर जलसे का नाम रखा गया हो कुछ इस तरह रखा जा सकता है जैसे तौहीदे खुदावंदी कॉन्फ्रेंस ,जिक्र ए इलाही कॉन्फ्रेंस वगैरह

इसी तरह जलसा के लिए तकरीर करने वाले नात पढ़ने वाले और अनाउंसर महंगे महंगे बुलाए जाते हैं लेकिन कुरान शरीफ की तिलावत के लिए मोहल्ले के इमाम साहब को इस सख्ती के साथ कह दिया जाता है कि तीन आयत से ज्यादा नहीं पढ़ना ,बस यूं समझ लें कुरान शरीफ की तिलावत एक रस्म बन कर रह गई है 

उसके बाद शुरू होता है नात शरीफ का दौर जहां बहुत सारी चीजों का ध्यान रखा जाता है जैसे सारे पब्लिक हाजिर हो, कोई बातचीत ना कर रहा हो, ध्यान लगाकर नात शरीफ सुने, लेकिन यही सब बातें कुरान की तिलावत के वक्त ध्यान नहीं दिया जाता और नाही यह खयाल आता है कि अल्लाह की तारीफ में दो तीन शेर हम्द शरीफ़ के पढ दिए जाएं,अफसोस की बात तो यह है कि अब नात शरीफ भी अक्सर जलसे में रस्मन पढ़ी जाती है ज्यादा जोर मनक़बत पर दिया जाता है , जलसे के दौरान नमाज का कितना ख्याल रखा जाता है वह सारी दुनिया जानती है ,

इसी तरह मस्जिद के नाम मदरसों के नाम नबियों और वलियों के नाम पर रखे जाते हैं ,हैरत की बात तो यह है कि बहुत सारे सुन्नी मुसलमान जब हज के लिए जाने का इरादा करते हैं तो उनका यही कहना होता है मदीने शरीफ से बुलावा आया है सरकार ने बुलाया है गुलाम हाजिर होगा ऐसे आशिक ए रसूल को कौन समझाए के हज मदीने शरीफ में नहीं बलके मक्का शरीफ में अदा किया जाता है 


दोस्तों यह वह अमल है सुन्नी मुसलमानों के जिसको देखकर किसी का भी गलतफहमी में और जाना यह लोग अल्लाह से ज्यादा नदियों और वलियों को मानते हैं कोई बड़ी बात नहीं है

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