बिहार भारत के सबसे पुराने और ऐतिहासिक राज्यों में से एक है। यह राज्य प्राचीन सभ्यता, महान साम्राज्यों, और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। बिहार का नाम "विहार" शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है बौद्ध मठ। यह राज्य विभिन्न धर्मों, सांस्कृतिक आंदोलनों, और ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है।
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प्राचीन इतिहास
1. वैदिक काल:
बिहार का इतिहास वैदिक काल से शुरू होता है। इसे "मगध" के नाम से जाना जाता था।
इस क्षेत्र को ज्ञान, धर्म और राजनीति का केंद्र माना जाता था।
2. महाजनपद काल:
छठी शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार में मगध महाजनपद का उदय हुआ।
इसकी राजधानी राजगीर और बाद में पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) थी।
3. मौर्य साम्राज्य:
चंद्रगुप्त मौर्य ने पाटलिपुत्र से मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
सम्राट अशोक, जो मौर्य साम्राज्य के महान शासक थे, ने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसे पूरी दुनिया में फैलाया।
4. गुप्त साम्राज्य:
गुप्त साम्राज्य का केंद्र भी बिहार था। इसे "भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग" कहा जाता है।
मध्यकालीन इतिहास
दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य:
बिहार मध्यकाल में दिल्ली सल्तनत और बाद में मुगल साम्राज्य के अधीन आ गया।
शेर शाह सूरी:
सासाराम (बिहार) के शेर शाह सूरी ने मुगल साम्राज्य को हराकर सूर वंश की स्थापना की।
उन्होंने भारत में "ग्रांड ट्रंक रोड" का निर्माण करवाया।
आधुनिक इतिहास
1857 का स्वतंत्रता संग्राम:
बिहार ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चंपारण सत्याग्रह (1917):
महात्मा गांधी ने चंपारण में किसानों के अधिकारों के लिए सत्याग्रह किया।
1947 में स्वतंत्रता:
स्वतंत्रता के बाद, बिहार एक प्रमुख राज्य बना, लेकिन 2000 में झारखंड इससे अलग हो गया।
बिहार के लोग कैसे रहते हैं?
बिहार के लोग अपने मेहनती स्वभाव, पारंपरिक जीवनशैली और सामाजिक जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं। यहां का रहन-सहन कई मायनों में अन्य राज्यों से अलग है।
1. रहन-सहन और घर:
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मिट्टी, बांस और ईंट से बने पारंपरिक घरों में रहते हैं।
शहरी इलाकों में आधुनिक मकान, अपार्टमेंट और फ्लैट्स का चलन बढ़ा है।
लोग अपने घरों को सादा और साफ-सुथरा रखते हैं।
2. खान-पान:
बिहार का खान-पान इसका सांस्कृतिक हिस्सा है।
लोकप्रिय व्यंजन:
लिट्टी-चोखा
सत्तू पराठा
खीर-मखन
मालपुआ
तिलकुट
लोग सादा खाना पसंद करते हैं, जो स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।
3. काम और रोजगार:
कृषि:
बिहार के अधिकतर लोग किसान हैं। यहां धान, गेहूं, गन्ना, और मक्का मुख्य फसलें हैं।
प्रवासी मजदूर:
रोजगार की कमी के कारण बिहार के कई लोग देश के अन्य हिस्सों में काम की तलाश में जाते हैं।
सरकारी नौकरियां:
बिहार के लोग शिक्षा और सरकारी नौकरियों में रुचि रखते हैं। यहां के लोग संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), रेलवे, और बैंकिंग परीक्षाओं में अव्वल रहते हैं।
4. भाषा और संस्कृति:
भाषा:
यहां की मुख्य भाषाएं भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और हिंदी उर्दू हैं।
त्योहार:
छठ पूजा (सबसे महत्वपूर्ण त्योहार)
दिवाली
मोहर्रम
होली
ईद
लोग अपने त्योहारों को बड़े उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं।
5. शिक्षा और ज्ञान:
प्राचीन काल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय यहां के गौरव थे।
आज भी बिहार के लोग शिक्षा के महत्व को समझते हैं।
कोचिंग संस्थानों (जैसे पटना का बोरिंग रोड और गया) में कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।
6. पारिवारिक जीवन:
बिहार में संयुक्त परिवार का चलन अभी भी आम है।
लोग अपने रिश्तों को महत्व देते हैं और परिवार को प्राथमिकता देते हैं।
बुजुर्गों का सम्मान और बच्चों की देखभाल पर ध्यान दिया जाता है।
7. सामाजिक जीवन और मनोरंजन:
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मेलों, नाटकों (जैसे जट-जटिन) और पारंपरिक नृत्य का आनंद लेते हैं।
शहरी इलाकों में लोग सिनेमा, टीवी और मोबाइल का उपयोग करते हैं।
8. समस्याएं और चुनौतियां:
गरीबी और बेरोजगारी:
रोजगार के अभाव के कारण आर्थिक समस्याएं हैं।
बुनियादी सुविधाओं की कमी:
शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है।
प्रवासन:
बिहार के कई लोग बेहतर जीवन और रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में चले जाते हैं।
निष्कर्ष:
बिहार का इतिहास गौरवशाली और प्रेरणादायक है। यहां के लोग मेहनती, संस्कारी और शिक्षित हैं। हालांकि, राज्य में अभी भी कई चुनौतियां हैं, लेकिन बिहार अपनी संस्कृति, शिक्षा और मेहनत के बल पर आगे बढ़ रहा है। बिहार का महत्व भारतीय इतिहास और वर्तमान में अद्वितीय है।
सैफुल्लाह कमर शिबली




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